शारीरिक शिक्षा, (what is physical education) का वह भाग हैं जिसमे हम स्वास्थ्य, खेल,खिलाड़ी , टूर्नामेंट,पोषण, चोट, शारीरिक व इसमें समाहित मस्तिकस, अगर्णन, आत्मा का अध्यन करते हैं शारीरिक शिक्षा एक ऐसा शिक्षा है। यह एक बालक के संपूर्ण व्यक्तित्व के विकास के लिए शारीरिक क्रियाओं द्वारा शिक्षित की जाती हैं जिसमे व्यक्ति शारीरिक , मानसिक व आत्मिक प्राप्त करता है
लक्ष्य: व्यक्ति का सर्वांगीण विकास करना
उद्देश्य: शारीरिक शिक्षा (what is physical education) का उदेस्य मानव का संपूर्ण विकास करना है
व्यक्ति को सर्वांगीण विकास प्राप्त करने के लिए निम्न चरण
- शारीरिक विकास
- मानसिक विकास
- भावनात्मक विकास
- आध्यात्मिक विकास
- सामाजिक विकास
- 1. शारीरिक विकास (what is physical education): सैररिक शिक्षा हमारे शारीरिक स्वास्थ पर सकारात्मक प्रभाव डालती हैं जिसके हम मजबूत, स्वास्थ भार, पुष्टि वे–शक्ति, गति , चालक, सहनक्ष्मता समन्वय के साथ हमारे सारे आर्गन सही तरीके से कार्य करती हैं।
- मानसिक विकास: – सावधानी, ध्यान, रणनीति खेलो का हिस्सा हैं। जैसा हम जानते है। शारीरिक शिक्षा में पढ़ाई के साथ –साथ क्रियात्मक का भी ज्ञान आवश्यक है जिससे बृद्धि, विश्लेषण , हार्मोन जैसी डोपामिन (Dopamin) पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
- सामाजिक तालमेल: मुकाबला व तालमेल खेलो का मुख्य बिंदु है जिससे अनुशासन , ईमानदारी , सामाजिक कारण नेतृत जैसे गुणों का एक व्यक्ति में समावेश होता है।
- भावनात्मक स्थिरता: हार, जीत, खुशी, धैर्य, अंक्रमण , प्रेम , गिराना इत्यादि । शारीरिक शिक्षा में ये सभी समाहित हैं। शारीरिक शिक्षा (what is physical education) से व्यक्ति में स्थिरता व असल जिंदगी में आने वाले उतार चढ़ाव में सकारात्मक व स्थिर रहने की क्षमता विकसित होती हैं
- आध्यामिक विकास: प्रकृति से लगाव, प्रकृति के नियमों के अनुसार कार्य करना माफी देना माफी मानना , शक्ति व संतोष के साथ शिष्टाचार के साथ रहना इत्यादि। शारीरिक शिक्षा के द्वारा उपरोक्त सभी सकारात्मक प्रभावी होते है।
भरत में शारीरिक शिक्षा का विकाश स्वतंत्रता के बाद
1. खेल पर बढ़ा जोर : आजादी के बाद , भारत सरकार ने शारीरिक फिटनेस और राष्ट्रीय गौरव को बढ़ावा देने में खेल खेलो के महत्व को पहचाना। परिणामस्वरूप , स्कूलों और कॉलेजों में खेलो पर अधिक जोर दिया जाने लगा । सरकार ने प्रतिभाओं को निखारने और अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए खेल अकादमियों और प्रशिक्षण केंद्रों की भी अस्थाना की ।देश के प्रदर्शन को बेहतर बनाने के लिए खेल अकादमियों और प्रशिक्षण केंद्रों की भी अस्थाना की ।
2. राष्ट्रीय फिटनेस कार्यक्रमों की शुरुआत: सरकार ने शारीरिक what is physical education गतिविधि और स्वस्थ जीवन शैली को बढ़ावा देने के लिए कई राष्ट्रीय फिटनेस कार्य क्रम शुरू किया । युवाओं को खेलो में भाग लेने और उनकी शारीरिक क्षमताओं को विकसित करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय शारीरिक स्वास्थ कार्यक्रम (एनपीएफसी) और राष्ट्रिय खेल प्रतिभा प्रतियोगिता (एनएसटीसी) जैसे कार्यक्र शुरू किए गए थे।
3. महिलाओं की शारीरिक शिक्षा (what is physical education) पर ध्यान : सरकार ने महिलाओं के लिए शारीरिक शिक्षा को बढ़ावा देने की आवश्यकता को पहचान , जिन्हें परंपरागत रूप से खेल और शारीरिक गतिविधियों से बाहर रखा गया था। महिलाओं को खेलो में भाग लेने और उनकी शारीरिक क्षमताओं को विकसित करने के लिए प्रसाहित करने के लिए विशेष कार्यक्र शुरू किए गए। इससे देश में लैंगिक बाधाओं को तोड़ने और लैंगिक समानता को बढ़ावा देने मदद मिली।